Tuesday 25 July 2017

यह नियम सबको पता है कि जीवन में अनुशासन कि सख्त आवश्यकता होती है.....तब नियम एक नहीं, अनेक.....किन्तु सहज तथा सरल....धार्मिक शिक्षण, सामान्य भोजन, व्यायाम, पठन और दार्शनिक अध्ययन से युक्त जीवन का अनुसरण करना.....संगीत को जीवन का एक आवश्यक आयोजन कारक घटक मानना......मित्रों के साथ नियमित रूप से मिल-जुल कर भजन गाने का नियम.....आत्मा या शरीर की बीमारी का इलाज करने के लिए वीणा (lyre) का उपयोग....याद्दाश्त को बढ़ाने के लिए सोने से पहले कविता का पठन... इतनी सी कहानी राजा की....शायद इसीलिए राजा के पास सबकुछ होता है....तन, मन, धन....तब धन पर यही मुहर कि दाने-दाने पर लिखा है, खाने वाले का नाम....तब हर दिन नया सवेरा...हर रात के बाद सुबह....चमत्कार का सरल नियम.......मात्र आस्था एवम् प्रार्थना के आधार पर..एनक का आविष्कार आदमी ने किया किन्तु आँखों का आविष्कार प्रकृति करती है.....ईश्वर द्वारा प्रदत्त नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते है, परंतु हम कहाँ क्या देखते है ?...यह हमारे मन की भावना पर निर्भर होती है.... रस्सी की गाँठ किसी भी चाबी से नही खुलती सिर्फ हाथ खुले होना चाहिये.....आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...

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