Saturday 8 October 2016

हर कोई चाहता है.....सर्वप्रथम स्वयं....तत्पश्चात संतान में.....Creativity & Imagination.....तब एक यंत्र का आविष्कार कर लिया गया....#Kaleidoscope#......ग्रीकभाषा का एक शब्द...KALOS=BEAUTIFUL & EIDOS=FORM और इस फार्मेट को SCOPE कह सकते है....दुनिया-रंगबिरंगी....BEAUTIFUL FORMAT of the WORLD...एक खिलौना जिसमें नाना प्रकार के रंग व रूप दिखाई पड़ते हैं.....Multi color में विभिन्न आकृतियाँ.....एक आँख से देखने का अभ्यास.....निशानेबाज़ का उपकरण....जो अनेक काम में महारत हासिल कर सकती है.....Social Skills, Creativity & Imagination, Hand & Eye Co-ordination, Color & Shape Recognition, Sensory Development.....खुली आँखों से सपने साकार करने का सुनहरा अवसर...जैसे गणित के सवाल को हल करने पर ही संतुष्टि का अहसास हो जाता है.....कलाम का कलमा कहता है....सपने अपने होते है.....खुली आँखों से भी देखे जा सकते है.....और इनमे महारथ हासिल हो जाए तो दुनिया उसे महारथी पुकारने लगती है.....बाजीराव की तलवार पर शक करने से पूर्व....बाज़ की नजर और चीते की चाल को मद्देनजर रखना होता है.....तीनो ही गति (SPEED) का आवेग.....बचपन में पढने-लिखने की गति तेज हो बालक को सुजान मान लिया जाता है.....पढ़ते रहिये....लिखना जारी है, क्योकि परामर्श यह कि लिखते रहिये....मिलते रहिये....मिलना जारी है, क्योंकि आदेश यह कि मिलते रहिये....कुल मिला कर चलना जारी है....क्योंकि चलना जिन्दगी है....विज्ञप्ति और विज्ञापन से पूर्ण परे....जैसे छत्रपति स्वयं कहे....वाह, पेशवा....विज्ञान का मन्त्र---“इकाई” समय में हुई ‘वेग-वृद्धि’ को ‘त्वरण’ कहते है..

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