जय हो...सादर नमन... सम्पूर्ण अभियान के पावन माध्यम प्रभु
श्री..."विनायक"....मंगलमूर्ति, बुद्धिदाता....पूर्ण सहज...पूर्ण
सात्विक....विनायक समाधान....विनायक रेखाएं...विनायक शब्द....विनायक
चर्चा...विनायक जिज्ञासा....विनायक प्रश्न...विनायक उत्तर...विनायक
गणना...विनायक उपासना...विनायक यंत्र...विनायक निमंत्रण...विनायक
मित्र...विनायक वायुमंडल....विनायक उपाय...विनायक गति...विनायक
उन्नति...विनायक अनुभूति...विनायक अहसास...विनायक एकांत...विनायक
अध्ययन...विनायक आनंद...विनायक संतुष्टि..विनायक
मार्गदर्शन...विनायक प्रोत्साहन..विनायक प्रार्थना....और इसी तारतम्य में
विनायक अभियान हेतु उपरोक्त सभी का विनायक क्रमचय-संचय....निरंतर...वर्ष
2007 से... विनायक-मित्रो से सहज “विनायक-वार्तालाप”...अर्थात विनायक
पुनरावृत्ति....’विनायक चर्चा’...विनायक शुरुआत अर्थात अंत तक विनायक आनंद
की कामना...इसी विनायक कामना की पूर्ति हेतु विनायक प्रार्थना....एक मात्र
मुख्य विनायक आधार--'गुरु कृपा हि केवलम्' ...एकमात्र विनायक
उद्देश्य--'सर्वे भवन्तु सुखिनः'....उत्तम 'वैदिक-योग'....सम्पूर्ण चर्चा
का
"संपर्क-सूत्र'..."विनायक-सूत्र"...."91654-18344"...'9+1+6+5+4+1+8+3+4+4'='45'="9"
अर्थात सहज अक्षय समीकरण....इस समीकरण में सम्पूर्ण अंक-शास्त्र सिर्फ तीन
अंक गायब है.....0, 2, 7... और (0+2+7=9)....जो अप्रत्यक्ष है, वही
प्रत्यक्ष है....यह बात अलग है कि दोनों को जानने के लिए समीकरण हल करना
अनिवार्य है...सात्विक तथा सहज परिश्रम...'विनायक-परिश्रम'.......हार्दिक
स्वागत......समय अपना-अपना....और आदान-प्रदान हो जाए....तो सहज
आमने-सामने.....प्रणाम.... ....इस 'प्रण' के साथ कि 'प्रमाण' में 'प्राण'
बसे...Just Because Of You..
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