Wednesday 25 January 2017

”जो-जो, जब-जब होना है...त्यों-त्यों, तब-तब होता है”.....शायद इसीलिए गीता-श्री का कहना है....काम किये जा, फल की चिंता मत कर....और काम कोई भी हो...काम में हाथ शामिल मजदुर के.....हाथ और दिमाग शामिल कारीगर के....और हाथ, दिमाग एवं दिल शामिल कलाकार के.....तब यहाँ कोई छोटा-बड़ा नहीं....

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