Wednesday 25 January 2017

यह चमत्कार सम्भव नही है....चाहे तो आज़मा सकते है...थोड़ा कठिन कार्य है....बगैर चित्र को ध्यान से देखे प्रस्तुत पोस्ट को समझना..."तत्व-दर्शन" में सिर्फ वर्तमान को महत्व दिया जा सकता है...तत्व-दर्शन में सपने देखने के लिए वायुमंडल को साक्षात् मानना पड़ता है....उम्र बढ़ने के साथ क्या बढ़ रहा है ?....इस प्रश्न का जवाब स्वयं तैयार करने की कोशिश की जाये तो कोई किसी से यह नहीं कहेगा कि साठ साल मे सठियाए से लगते हो....और जवाब तैयार करने मे पकवानों को तैयार करने जैसी मेहनत करने की कोई आवश्यकता नही....बस मित्र समान प्रस्तुत चित्र मे की गयी काट-छांट को गौर से चेक करने की मेहनत करना होगी...सात्विक पहलु मतलब ज़मीर मुकम्मल ईमान के साथ.....खाने-खिलाने से इनकार नहीं मगर यहाँ आलस खाने की आदत छोड़ना होगी..जो आलस खाता है, वह शाकाहारी कैसे हो सकता है ?...आलस को त्यागने का त्याग अपने आप में साहस का काम होता है...संत बनने की कवायद...सरल-संकल्प...यह समझ कर कि आपकी परीक्षा आप खुद ले रहे है....मतलब कि "आंसर-शीट" अपने ही हाथो मे...ज्यादा से ज्यादा नंबर आने की सम्भावना....हाथो-हाथ...बस फर्क इतना कि हाथ वही मगर पेन बदल दिया गया है...सिर्फ स्याही का रंग बदलने के लिये....क्योंकि रंगों का कोई धर्म नही होता है...."धर्म-निरपेक्ष" की परिभाषा रंगों के बिना अधूरी हो सकती है...शायद इसीलिये हर धर्म रंग चुन लेता है....और रंग घुम-फिर कर चौराहों पर आते है तो वहाँ पर लिखी तख्ती उनका स्वागत करती है...."अहिंसा परमो धर्म"...होर्डिंग, बैनर, झंडा या चिट...सब मंजूर-ए-खुदा....कोई चमत्कार नही हर चित्र मे हाथ की कारीगरी है ...जन्म-पत्रिका या हस्त-रेखा की बात नही...और हाथ से आदमी प्रतिपल लाईन खीचता रहता है...वायुमंडल में हवा मे हाथ हिला कर....माँ के गर्भ में हरकत करके...और इस योग का कोई प्रूफ नही...क्योंकि पत्रिका मे दिनाँक से ही अस्तित्व माना है...और फेस रीडिंग भी आमने-सामने ही सम्भव है..और हाथ-पैर को कौन देखे जब रिश्ता हो दिल का....तब यह बात नही भूलनी चाहिए कि सारी घटना दो लोगो के बीच की है....संतान और माता के बीच मौन चर्चा...'जनक' राजा हो कर भी जुदा....किसी चर्च मे नही बल्कि समान वायुमण्डल में...सिमित मगर शक्तिशाली दायरा...जो दिखाई ना दे मगर महसूस हो...अनुभव से बाहर कुछ भी नही...सारी परीक्षा कोर्स की किताब से....सौ मे से सौ...शत-प्रतिशत....हमेशा की तरह...हमेशा के लिये...सादर वन्दन...आनन्द रहे सदैव...जीवन रहे सदाबहार....विनायक समाधान @ 91654-18344...इंदौर/उज्जैन/देवास…

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