Thursday 10 December 2015

THREE LINES.....JUST AN APTITUDE TEST....

...#LIVE#....सामान्य प्रक्रिया....कोरे कागज पर सिर्फ़ तीन रेखायें खीचींए....#TOTAL NO TENSION JOB#......अनेक देशों में रेखायें अनेक भाषाओँ का निर्माण करती है....जैसे किसी शिशु को गर्भ में मात्र रेखाओं के माध्यम से माँ से चर्चा करने का अधिकार होता है....सांकेतिक भाषा द्वारा सक्रिय उपस्थिति.....#सुखद सत्य#.....रेखायें #यत्र-तत्र-सर्वत्र# सहज उपलब्ध वास्तविक #सत्य#  है.....चेहरे की विशेषताये जानने से पहले दर्पण की विशेषतायें जानना आवश्यक है या नहीं ?....#स्वयं की इच्छा#......आप अपने कार्य को श्रेष्ठ संभव करने हेतु निरंतर  प्रयासरत रहना चाहते है....समान विचार वाले मित्रों को खोजना चाहते है.....रही बात #आनन्द# की तो एक ही बात लाख टके की....#हरी करे सो खरी#...और #नींद आती रहे हमेशा गहरी#.....#काम की बात#.....#आनंद# तो कल्पना मात्र है....सहज सम्मिश्रण....मात्र तीन घटक....#तन-मन-धन#...सरल सूत्र.....समागम का मार्ग.... #तीन#  रेखाओं का खेल#....#आमने-सामने#......#पूर्णत: सात्विक#.....एकान्त का सार्वजनिक प्रदर्शन.......सहज अध्ययन करने के पश्चात ज्ञात होता है कि समस्त विशेषताओं को प्राप्त करना है तो सर्वप्रथम सरल होना आवश्यक शर्त हो सकती है.......समस्त विशेषताये किसी भी सामान्य व्यक्ति में संभव है...अत्श्योक्ति पूर्ण व्याख्या कदापि नहीं....सात्विक-संपादन....धर्म की सहमति...सदैव.....तन सर्वप्रथम--'जान है तो जहां है'....तत्पश्चात मध्य-क्रम में....मन तो स्वयं साक्षात स्वयंभू प्रत्यक्ष....#सत्यम शिवम् सुन्दरम्#.....#आनंद# का स्त्रोत....."मिल के खयालो में, अपने बलम से"......शायद यही आनंद....मध्य-क्रम में ही खुश....न पहलवान, न धनवान....और अन्त में, सबसे आखिर में धन....सर्वाधिकार श्री देवी लक्ष्मी के पास सुरक्षित...जो #रोटी# की चाल को नृत्य समझे....#सुन्दर-नृत्य#....एक खड़ी, एक पड़ी, एक छमा-छम....और छम-छम के कदम तो मात्र #श्रीदेवी# के....#छमा-छम# और #छम-छम# का संगम.....ठीक जैसे #तंत्र# और #मन्त्र# का संगम......शायद यही चंचलता.....और चंचलता का वाहन #उल्लू#.....और भ्रमण भी मात्र रात्रि में....और यह उलूक-कर्म आदमी के बस में नहीं....और यही ईष्या का कारण हो सकता है....और हल यह हो सकता है कि बस यह याद रहे #जीवन# का सूत्र.....सरल-सूत्र.....#तन+मन+धन#.....#33+33+33=99#....#....यह #DIFFERENTIAL# गणना पुर्णतः वैदिक.....वैदिक गणित में मन्त्रों की मन्त्रणा....सात्विक-संपादन.....सात्विक-यंत्र....सहज #गागर में सागर".....#TOTAL INTEGRATION#.....#हरिद्रा-गणेश# #सिद्धि-यंत्र#  का अध्ययन आवश्यक हो जाता है......#Indian Rupee symbol.svg# से महत्वपूर्ण #%#.....#विनायक-परिश्रम#....एक ही प्रार्थना..."सर्वे भवन्तु सुखिनः" एवम् एक ही आधार "गुरू कृपा हिं केवलमं"....आप सभी आमंत्रित है....पूर्व निर्धारित समय हमेशा की तरह सुविधा सिध्द होती रहेगी....हार्दिक स्वागतम.....समय अपना-अपना....और आदान-प्रदान हो जाए....तो सहज आमने-सामने.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव...#विनायक-समाधान#” @ #91654-18344#...#vinayaksamadhan# #INDORE#/#UJJAIN#/#DEWAS#......









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