आखिर चाँदनी चार दिन की....आँखे चौधियाँ जाये तो अगले एक पल में कुछ नही
सूझता है...और इस बात इनकार नही कि इस पल में अस्तित्व जूझता है....दुनिया
की सबसे खराब आदत बोर होने की हो सकती है....मनोरंजन की बानगी या खुश रहने
की कला....एक व्यापारी मित्र ने बताया कि मंडी के हम्माल बात कर रहे थे कि
आजकल मोदी और योगी के कारण पेपर और टीवी देखने में मजा आ रहा है....और
समाचार यह है कि बड़े-बड़ो से हाथ मिला लिया, पर हकीकत में मज़ा तो बच्चों के
बीच ही आता है....यही समन्दर, यही Beach...यह तो सुकून कि यही
"खरा-सोना"...वर्ना 'यह दुनिया पित्तल दी'....
No comments:
Post a Comment