जय हो....अब यात्रा गुजरात की.....@@@वड़ोदरा (GUJRAT) शहर में किसी भी मंदिर
में अतिशीघ्र....तथा “विनायक-मित्रों” के सहयोग से ‘विनायक-योग’ बनता है
तो...अन्य शहर के मंदिरों का भी दर्शन लाभ....माह में एक बार.....निशुल्क,
सहज, साधारण, सरल....मात्र आनन्द का आदान-प्रदान....कार्य की सफलता में
सात्विक कर्मो का समावेश...जैसे प्रार्थना में सात्विक शब्दों का
समावेश....इसके साथ ही मस्तिष्क से आवेश का पलायन...
No comments:
Post a Comment