33 कोटि पूण्य-आत्माओं का जन्म.....महामृत्युंजयस्तोत्रम् का स्वत:
उद्गम.....स्वमेव उद्गार.....ॐ से लेकर स्वस्तिक चिन्ह तक......शुद्धता की
कसौटी मात्र प्रतिशत (%) में.....बिंदु रूपी चौराहे से लेकर रेखाओं रूपी
रास्तों तक.....सम्पूर्ण धर्म का आव्हान...आस्था एक अन्तरंग ज्ञान है ,
प्रमाण से परे....कोसो दूर.... "उत्सव आमार जाति, आनंद आमार गोत्र”.....
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