Monday 17 April 2017

किसी को खुश करने की कला....मात्र स्वयं का अनुभव.....एक दिन तो मिटटी में मिलना ही है….चलो जमीन पर ही बैठ बतियाते है…..और फिर यहाँ खालिस ज़मीन पर फर्श भी बिछा है…..हर एक का सपना....वतन का पतन ना हो.....मिलती रहेगी धुल, हवाओं के शोर में.....भले ही अनजान हस्तियाँ चाँदी सी चमक जाये....पर दामन में बदनामी भला किसे भली लग सकती है ?...राम इस देश का प्रभात का स्वर है….अर्थात इस देश की सुबह सदियों से इसी नाम से होती आ रही है…..बधाईयाँ मर्यादा #पुरूषोत्म् के जन्मोत्सव की…श्री रामनवमी की हार्दिक बधाई.....
मानस में कहा है…..
एहि महँ रघुपति नाम उदारा।
अति पावन पुरान श्रुति सारा ।।
मंगल भवन अमंगल हारी।
उमा सहित जेहि जपत पुरारी।।
करन चहउँ रघुपति गुन गाहा।
लघु मति मोरी चरित अवगाहा।।
सूझ न एकउ अंग उपाऊ।
मनमति रंक मनोरथ राऊ।।
..समय अपना-अपना....और आदान-प्रदान हो जाए....तो सहज आमने-सामने.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव.....हार्दिक स्वागतम…..”विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS)...

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