अपनेपन का अहसास सबका प्रयास.....हम सब एक-दुसरे के सिर्फ विचारो से जानते
है....बाकि अन्य माध्यम प्रमाणिकता के बाद भी छलावा हो सकते है.....बन्दुक
को शस्त्र माना जाता है...परन्तु कारतूस के बिना किसी काम की नहीं....तथा
रख-रखाव के लिये शास्त्रों की स्वीकृति आवश्यक.....पंडित कहीं नहीं जाता
सिर्फ मंदिर की परिधि में प्रतिबन्धित.....तथा धर्म का सिक्का कंही भी
उछाला जा सकता है...एक पक्ष में हरी करे सो खरी....दूसरी पक्ष में हरिकथा
अनंता....और मंदिर की परिधि का निर्माण....सिर्फ पंडित द्वारा.......युद्ध
के मैदान का आँखों देखा हाल....सिर्फ अपने ज्ञान के आधार पर......जय
हो....मित्रों हम सब परस्पर मित्रता के बराबर के भागीदार है....धुप में खड़े
रहना….मजे का काम.....किसी सजा से कम नहीं.....यह तो गनीमत है कि प्रकृति
ने सूरज को एक नियत स्थान पर पक्का कर दिया....बस उगने का और डूबने का खेल
समझा दिया....जबकि हकीकत में ना उगे-ना डूबे....उदय या अस्त होना.....एक
तयशुदा मंज़ूर नियम....कुबूल-कुबूल-कुबूल.....पूर्ण स्वैच्छिक....हिंदी में
सक्रियता और अंग्रेजी में WARM-UP जानने का तरीका.....बिना किसी शब्दकोश
के.....कोषालय में जाए बगैर.....OUTSTANDING का सीधा-सीधा मतलब होता
है....अपने समकक्ष लोगो से मात्र एक कदम आगे.....छोटी सी परिभाषा....एक कदम
नापने का अनुभव सबके पास अर्थात सक्रियता......याद रखने की जरुरत नहीं....
सरल-सूत्र.....#तन+मन+धन#.....#33+33+33=99#.....#तीन रेखाओं का खेल#......#पूर्णत: सात्विक#.....एकान्त का सार्वजानिक प्रदर्शन…..”#विनायक-समाधान#” @ #91654-18344#..
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