Monday 17 April 2017

इस 'प्रण' के साथ कि 'प्रमाण' में 'प्राण' बसे...Just Because Of You...."अणु में अवशेष"..उपस्तिथि में 'पंच-तत्व'....गवाही में 'ज्ञानेन्द्रियाँ'...और सम्पूर्ण प्रक्रिया में ऊपर वाले को साक्षी या हाजिर-नाजिर माना जाता है...तब कोई पूछ ले कि कौन है वह ? तब क्या हो...….#कब ?, #क्यों ?, #कैसे ?...सबको मालुम है....कुछ-कुछ, बहुत-कुछ, सब-कुछ…….सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव......#LIVE#.....From the desk of #VINAYAKSAMADHAN#....We are the #WORDS#.....वह #चर्चा# रूपी साहित्य, जो मित्रो के साथ साझा हुई....पढने की शुरुआत या प्रारम्भ, अन्त से भी कर सकते है...अभिनव-प्रयोग....उल्टा-पुल्टा स्वतः सीधा-सीधा....कही से भी पकड़ कर जहाँ भी छोड़े, वायुमंडल स्वयं के इर्दगिर्द.... स्वयं सिद्ध करे....याद रखने की जरुरत नहीं.... सरल-सूत्र.....#तन+मन+धन#.....#33+33+33=99#.....#तीन रेखाओं का खेल#......#पूर्णत: सात्विक#.....एकान्त का सार्वजानिक प्रदर्शन…..”#विनायक-समाधान#” @ #91654-18344#...#vinayaksamadhan# #INDORE#/#UJJAIN#/#DEWAS#..

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