“राम-राम” के उच्चारण द्वारा हमें १०८ मनके की माला जपनें जैसा पुण्य
प्राप्त होता है..अंक नौ(9-NINE)...सिद्ध-पूर्णांक....अक्षय अर्थात
विनायक-अंक माना जाता
है....(54=5+4=9)....(108=1+0+8=9)...(1008=1+0+0+8=9).....साधारण
तथ्य--''जो #उर्जा#
को जागृत करे"....यही है 'विनायक-योग'.....’आमने-सामने’ एक दुसरे को
“राम-राम” कहने के लिए....उत्तम 'वैदिक-योग'....सम्पूर्ण चर्चा का
"संपर्क-सूत्र'...#विनायक-सूत्र#....#9165418344#........'9+1+6+5+4+1+8+3+4+4'='45'="9" अर्थात सहज अक्षय समीकरण....इस
समीकरण में सम्पूर्ण अंक-शास्त्र सिर्फ तीन अंक गायब है.....0, 2, 7... और
(0+2+7=9)....जो अप्रत्यक्ष है, वही प्रत्यक्ष है.....जो प्राप्त है, वहीं
पर्याप्त है...जय-गजानंद.....सदा रहे आनंद...दिन या रात की बात
नहीं.....तब बात एक सुबह की भी नहीं...रात गयी-बात गयी तो कतई
नहीं.....परन्तु हर सुबह स्वयं के घर की ही भली.... रहे....... इस आशय या
निवेदन के साथ.....”सदा दिवाली संत की आठों प्रहर आनन्द....निज स्वरुप में
मस्त है छोड़ जगत के फंद”.....आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को
खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...you may search into
Google....just say "vinayak samadhan".....बातों-बातों में....खेल-खेल
मे....चलते-फिरते....सादर नमन्...जय हो..."विनायक-चर्चा" हेतु हार्दिक
स्वागत....विनायक समाधान @ 91654-18344...INDORE/UJJAIN/DEWAS...
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