कोई भी स्वयं के लिये यह सिद्ध कर सकता है कि I AM THE BEST.....और दुनिया
इसे स्वीकार कर ले तो हर कोई कहने लगता है.... YOU ARE THE BEST....और इन
सब तथ्यों से जुड़ा एक सच सर्वविदित है....इस आज़ादी के साथ कि कोई इसे
स्वीकार करे या नही....YOU ARE SPECIAL.... जहाँ तक good की बात है, हर
प्रतिस्पर्धा मे हिस्सा वही लेता है जो good यानि अच्छी स्थिति मे होता
है...अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा मतलब ज़ीरो होता है, क्योंकि हर
प्रोफेशनल अच्छा ही करता है....रही बात सबसे अच्छा तो सिद्ध करना पड़ता है...सबसे
अच्छे प्रदर्शन पर एक्सीलेंट मिलना लाज़मी है...जिंदगी का एक नियम है,
जैसे-जैसे आगे बढ़ते है नियम बनते जायेंगे...कोई निश्चिन्त रोडमेप
सुनिश्चिन्त नही हो सकता है....आवश्यकता अनुसार नियमो मे परिवर्तन आवश्यक
है.... good, better, BEST....समस्त हाव-भाव आदमी के चेहरे से पता चल जाते
है....कब, कितना सुधार होना चाहिये ?....यह आंकने के लिये किसको, कितना
अधिकार होना चाहिये ?....आंकड़ो के खेल मे हेरा-फेरी को रोकने के लिये
गिनती-पहाड़ो का पहाड़ चढ़ना जरुरी हो जाता है...भूल-चूक होने पर शुरुआत शुरू
से करना पड़ती है...
No comments:
Post a Comment