Monday 26 December 2016

बाजार मे एक नही, अनेक बाजीगर....ताबीज़-लाकेट की बिक्री खुल्लेआम... यंत्र की तयशुदा कीमत....आयत को याद करने मे दिलचस्पी कम से कम...महत्व को जाने बिना बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करने की हाय.... परिणाम स्वरूप भाषा से नियंत्रण गायब....यह गहन अध्ययन का विषय हो सकता है कि तंत्र-मंत्र-यंत्र के नाम पर अनेक पढ़े-लिखे लोगों से कम पढ़े-लिखे लोग, कैसे धन का आदान-प्रदान अत्यन्त आसानी से कर लेते है ?....और यह आश्चर्यजनक बात है कि इस प्रकार की ठगी की कोई शिकायत नही करता है....और तो और इस बात का फायदा उठा कर खुल्ले आम चमत्कार का दावा करते है...जबकि हर चमत्कार के पिछे विज्ञान की खोज होती है...और हर एक रहस्य के पिछे अध्ययन की आवश्यकता हो सकती है...चमत्कार से अभिप्राय सिर्फ रहने, कहने और सहने से ही हो सकता है...और गायब होने को हाथ की सफाई ही कहा जाता है...हवा को प्रकट करने मे पंखा हिलाना जरुरी होता है....और कुदरत यह काम बिना साधन के कर लेती है, साक्षात् चमत्कार.....और अख़बार उठा कर देखते है तो मिनटो तथा घण्टो मे चमत्कार का चैलेंज, डंके की चोट के साथ किन्तु डंका नदारद....तब चमत्कार भी नदारद....तमाम सामान जुटाने ने समय जाया होता रहता है...तमाम तमाशे भीड़ जुटाने के लिये....असली सामना तो आमने-सामने मे....रूबरू...कामयाब होना कमाई पर टिक गया है...घड़ी की टिक-टिक के साथ पैसा कमाने की हसरत...सिर्फ आंकड़ो की पेशकश....आंकडे कैसे जुटाये जाते है ?, यह कोई नही देखता है...ठोक-बजा कर, नियम से, संजीदगी से या जल्दबाज़ी के साथ......”श्रद्धावान लभते ज्ञानम”.....आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...you may search into Google....just say "vinayak samadhan".....विनायक समाधान @ 91654-18344...INDORE/UJJAIN/DEWAS...

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