पक्का और खास, आपके लिये...अंतर्देशीय होते हुये भी #अंतर्राष्ट्रीय..पकवान
वह जो महकता रहे और महकाता रहे....तलने, उबलने, सिकने वाली बात
नही...पकवान वह जो सदा जवान बना रहे....ताजा-बासी वाली बात नही...मार्किट
मे बहुत कुछ रेडी-मेड...मित्रों और मेहमान को प्रस्तुत करना बेहद आसान
किन्तु हो सकता है दोनो एक ही दूकान से खरीदते हो तब नया क्या ?....तब नया
यह कि हर एक वस्तु के लिये अनेक दुकाने....तब ज़मीर कहता है जो तू सच्चा
बनिया तो साँची हाट लगा...तब सोशल-मीडिया के माध्यम से सभी मित्रों के
सम्मुख प्रस्तुत है..."विनायक-पकवान"...प्रतिदिन की पोस्ट...विनायक-पोस्ट
जैसे वाशिंगटन-पोस्ट....यक़ीन माने समय का अच्छा-खासा निवेश हो सकता
है....और यह निवेश जिंदगी की गाड़ी मे दुरुस्त संचालन के लिये तेल-पानी का
काम करता है...चाय-पानी वाली बात नही...बात पते की तब हो, जब पता मिल
जाय....और पता ढूंढने के लिये गलियों मे गाड़ी की गति निर्धारित सीमा के
बाहर पूर्ण रूपेण वर्जित....तेज गति से वाहन चलाने से चालान कट जाता
है....लेकिन रेस के मैदान मे तेज गति का इस्तेमाल पुर्णतः वाँछित है, यह
ना हो तो धीमी गति के समाचार कम से कम सुने जाते है...और हर शॉट का
एक्शन-रिप्ले कोई भी, कभी भी देख सकता है
बेशक....बेझिझक....बेशुमार....दर्पण झूठ ना बोले....हजार झूठ को पल मे
ताड़े....असंख्य गुण को पल मे सँवारे...आमने-सामने....मेकअप का सामान भी
सेकण्डरी आयटम साबित हो जाय...और यह बात कांच के समान साफ़....दर्पण झूठ न
बोले...सेकण्डरी से पहले मेट्रिक होता है...मुन्ना बिना मेट्रिक पास के भाई
नही हो सकता है....और मेट्रिक फ़ैल का मुनीम मज़े मे....आखिर मुनीम का मज़मा
कौन देखे ?....बैल यदि बूढ़े हो जाय तो किसान की जवानी भी थक जाती है...और
बैलों की ताकत को कायम रखने के लिये पौष्टिक खुराक का इंतज़ाम किया जाता
है....भले ही किसान रूखी-सुखी खाता रहे...और यह संतुष्टि की बात कि
रूखी-सुखी मे भी वक्त की पाबन्दी....भरपेट खाने का मजा नियमित समय के
साथ...यह बात काम की बात सिद्ध हो अतः एक माह का नियमित कार्यक्रम "दो
केले, प्रतिदिन, एक माह तक"....सेवन करना होगा...सेवन शब्द अपने-आप मे
सात्विकता को समर्पित है...जैसे सम्राट...शब्दो का बाज़ीगर....जैसे स्टाम्प
पर लिखा जाता है पुरे होशो-हवाश मे लिखता हूँ कि माफ़ करना मैं नशे मे हूँ,
और शास्त्र कहते है....मदहोश, होश में आ....दो केले खाने का काम अकेले करना
है....यकीनन सारे हैप्पीनेस हार्मोन्स बढ़ेंगे....तब ख़ुशी भी बढ़ेगी....और
अंदरूनी शक्ति भी बढ़ेगी....अर्थात कंसंट्रेशन तथा मेमोरी भी बढ़ेगी...और
इसकी आवश्यकता 24x7 मतलब 365 days हर उम्र वाले को लगती रहती है....यह ना
हो तो बोर होने की बीमारी लगने का डर....आखिर महामारी की चपेट मे गेंहू के
साथ धुन भी पीस जाता है....और भीड़ मे गधे-घोड़े एक
समान....साथ-साथ....आमने-सामने फिर भी नही...घोड़ा कभी वार नही करता है, बस
तेज दौड़ता है...अपनी धुन मे....तीर की तरह....जबकि धनुष अपनी जगह ठीक
घुड़सवार के समान....स्थिर....जड़त्व को धारण करने की अदम्य
क्षमता.....बातों-बातों में....खेल-खेल मे....चलते-फिरते....सादर नमन्...जय
हो..."विनायक-चर्चा" हेतु हार्दिक स्वागत....विनायक समाधान @
91654-18344...INDORE/UJJAIN/DEWAS...
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