यह मान कर कि प्रत्येक शरीर में आत्मा का निवास है....Just An Attachment
with Body....कब तक ?...पक्का...नहीं मालुम !!! ...और आत्माओं के विषय में
अनेक तथ्य...तथ्य न हो कर मात्र यात्राये....मात्र आभास, अनुभूति तथा
अनुभव.....अहोभाग्य.....ठीक जैसे मुन्ना-भाई के दिमाग में 'बापू'....जिसका
गवाह मात्र लक्की-सिंह....और चिकित्सा-विज्ञान के अनुसार यह 'फ़ोकट' की
बात....इस विषय पर बहस करने का समय नहीं....कोई भी बहस अन्तहीन हो सकती
है...कोई भी बहस 'घड़ी' अर्थात समय जैसे 'महत्वपुर्ण' शब्द को बेहद
आसानी से 'महत्वहीन' बना सकती है....'अटल-सत्य'...घडी के कांटे...गति की
'शक्ति'...ठीक जैसे आस्था की अनिवार्य 'भक्ति'....और असत्य से सदा के लिए
'मुक्ति'...#शुभ
घड़ी#....सहज निष्ठा....शाश्वत प्रार्थना....सहज अधिकार....साधारण
मांग....We Demand....Whenever....Wherever....&....Forever.....यत्र,
तत्र, सर्वत्र.....क्षमा, रक्षा, न्याय, व्यवस्था....उर्जा...कण-कण
में....पल-पल में.......Just An idea.....To Feel Or Fill.....With
Faith....Just For Prayer..... Just for Experience.... मात्र स्वयं का
अनुभव...”#विनायक-समाधान#” @ #91654-18344#...#vinayaksamadhan# #INDORE#/#UJJAIN#/#DEWAS#...
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