Saturday 24 December 2016

#घोषणा-पत्र#.....एक बार यह विचार आता है कि ऊपर वाला जब भी देता #छप्पर फाड़ कर#......विषय कोई भी हो परन्तु अच्छे प्रतिशत उत्तम छात्र की प्रथम पहचान होती है....बस, यही मिल्कियत जो मालिक बनने के लिए पर्याप्त....और जो प्राप्त है वही पर्याप्त है....% या #प्रतिभा तो बस #अध्ययन# मात्र है.....अर्थात ज्ञान जो जल से पतला माना गया है...ठीक एक पक्षी के समान जो ध्यान तथा अध्ययन के पंखो के सक्रियता से जीवित है.....#प्रतिमा के सामने #प्रार्थना करने से #प्रतिभा सम्पन्न होती है.....कहाँ जायेंगे विचार ?...बुलाएँगे तो दस बार आयेंगें....और एक नहीं चार....बस हो साथ में सत्संग का अचार.....चखने पर मिलते है समाचार.....”श्रद्धावान लभते ज्ञानम”..... लाभ अर्थात ज्ञान अर्थात श्रवण, किर्तन, चिन्तन, मनन अर्थात निर्णय लेने की क्षमता..



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