Saturday 24 December 2016

मसालों का राजा...जो अनेक मसलों को हल करे...King of spice....काली मिर्च....अनेक व्याधियों का एक उपाय...कोई भी व्याधि कॉकरोच के समान...जिसे पाला नही जाता है...अवस्था अनुसार व्यवस्था अथवा व्यवस्था अनुसार अवस्था.....ज्योतिष अथवा पुरुषार्थ....उपाय सात्विक हो तो हर स्थिति मे लाभ-प्रद.....तब सार्वजानिक हो या पर्सनली....मन्त्र का सबसे बड़ा फायदा यह कि मन ही मन मे अर्थात उच्चारण मे निःशब्द और सशब्द भी....तब यह काली मिर्च वाला उपाय सचमुच निःशब्द....और तब उपाय अचूक राम-बाण के समान...बच्चों को एक ही गलती करने पर हम बारम्बार टोकते है, चूँकि हम चाहते है कि वह बार-बार गलती हरगिज ना करे....और यह व्याधि उत्पन्न होती है लार ग्रंथि के स्त्राव से....और यह किसी भी उम्र में संभव है...और इसका उपाय कभी भी संभव है....सुपारी, तंबाकू या गुटखा खाने की बात नही....जैसे ही काली मिर्च जीभ के संपर्क मे आती है, कुछ ही समय मे ऊपर का छिलका गलने लगता है और तीखा स्वाद लार मे घुलने लगता है...और लार का स्त्राव संतुलित हो जाता है...तब व्याधि का उपाय आवश्यक...कोई भी व्याधि संपूर्ण वातावरण को बोझिल बना देती है...माना कि जहाज समुद्र के किनारे ज्यादा सुरक्षित है किंतु उसका उपयोग इस पार से उस पार जाने के लिये ही होता है...काली-मिर्च के सेवन से सेरोटोनिन हार्मोन बनता है जो डिप्रेशन को रोकता है...काली-मिर्च मे फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स जो ज्यादा पसीना और मूत्र की मात्रा उत्पन्न करते है अर्थात शरीर की गंदगी स्वतः बाहर हो जाती है....काली-मिर्च मे विशेष तरह के रेज़ीन से कम मात्रा मे भी ज्यादा असर दिखाती है...इसी वजह से रक्तचाप को भी शीघ्रता से नियंत्रित होता है...अल्प मात्रा मे सेवन मात्र से अनावश्यक सुस्ती और तनाव से बचा जा सकता है....अनेक समस्याये....पग-पग पर...पल-पल में....और आदमी अपनी संतान को हमेशा अव्वल देखना चाहता है....ताजा-तरीन.... बच्चों को चुस्त देखना चाहते है तो यह उपाय है जो आर-पार का उपाय कहा जा सकता है..और यह उपाय अमूमन सभी करते है और कर सकते है....”श्रद्धावान लभते ज्ञानम”.....आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...you may search into Google....just say "vinayak samadhan".....विनायक समाधान @ 91654-18344...INDORE/UJJAIN/DEWAS...



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