Tuesday 13 October 2015

.....”दिवितीय स्वरूप”.....जय हो....सादर नमन....प्रणाम......सहज पर्व उल्लास का, एकाग्रता का, शक्ति का, साधना का...एक पावन-निमंत्रण मात्र शक्ति की आराधना का....एक उत्सव शक्ति ग्रहण करने का...
“दधाना करपदमाभ्यामक्षमालाकमंडलू |
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्म चरिंन्यनुत्त्मा ||”....नव-शक्तियों का दिवितीय स्वरूप....माँ ब्रह्मचारिणी....ताप का आचरण करने वाली....शीर्ष धारण करने का सहज आशीर्वाद....वेदस्तत्वंतपो ब्रह्म....अर्थात वेद, तत्व तथा ताप ‘ब्रह्म’ स्वरूप है.....दाहिने हाथ में जप की माला तथा बाये हाथ में कमण्डल....सहज ज्योतिर्मय तथा भव्य....एक हजार वर्ष मात्र फल-मूल ही आहार...सौ वर्ष मात्र शाक पर....और ध्यान पूर्ण-रूपेण “स्वाधिष्ठान’ चक्र....यही है...माँ ब्रह्मचारिणी की माया...
सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनि।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
या देवि सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नमः।।
……..जय श्री माँ हरसिद्धि देवी हो सदा प्रसन्न!
……..ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !!
…….शुभ नवरात्रि महापर्व….माँ दुर्गा आपकी रक्षा करें…..आप सभी को नवरात्री की हार्दिक मंगलकामनाएँ……।। जय माता दी ।।…....प्रत्येक चित्र, मित्र के रूप में....एक ‘निमंत्रण-पत्रिका’ या ‘VISITING CARD’ या ‘BANNER’ या ‘HOARDING’....जो भी हो....पर है....BECAUSE OF YOU…..हम इस दुनिया-दारी में गुम हो जाते है....तब गुम-शुदा की तलाश या गुमनाम.....तब कोई तो हो जो FIR अर्थात्....’रपट दर्ज करे’.....और गाँव की पुलिया पर लिखा है कि पानी ज्यादा होने पर “रपट पार करना मना है”....हार्दिक स्वागतम…..”विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS)..










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