Monday 19 October 2015

Vinayak Samadhan: …..जय हो..."चाय से ज्यादा केतली गरम"....सहज रूप से...

Vinayak Samadhan: …..जय हो..."चाय से ज्यादा केतली गरम"....सहज रूप से...: …..जय हो..."चाय से ज्यादा केतली गरम"....सहज रूप से व्यंग हो सकता है, परन्तु बात गौर-तलब भी हो सकती है...हर पिता चाहता है कि पुत्...

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