Sunday 25 October 2015

जय हो....सादर नमन....सादर वन्दे.....सादर प्रणाम.....… आश्रम कुछ कहते है !!! ....कुछ, कुछ-कुछ या बहुत कुछ....मन की बात, मन ही जाने....जैसे रुपैये में सोलह आने...अब तो राम ही जाने.....क्योंकि राम की चिड़िया, राम का खेत....और आश्रम में नहीं है बेंत...सहज श्रवण आश्रम का...प्रत्येक आश्रम चार आना, आठ आना, बारह आना, सोलह आना...गणना की भाषा में पच्चीस, पचास, पचहत्तर, सौ....आश्रम का सन्देश यही....संस्कारो में शुद्धता हो और गणना में संस्कार हो...गणनाओ में परिवर्तन सम्भव है परन्तु संस्कार क्षण-भंगुर कदापि नहीं....यह बात स्वयं शास्त्रों ने कही...संस्कारों की प्रतियोगिता सम्भव नहीं परन्तु 'नियमितता' अनिवार्य शत-प्रतिशत...सशर्त...आवरण...सुरक्षा-कवच....Enclosure..... Cover of Machine... just for Protection.... To follow the Backup-protection....अन्दर की बात.....मन की बात मन ही जाने....दिल के अन्दर की बात.....घर के अन्दर की बात....दिमाग के अन्दर की बात.....जेब के अन्दर की बात.... मंदिर के अन्दर की बात....और अन्त में अंतर्मन की बात....आश्रम की बात.....किसी भी शब्द की दुरी दिल से ही नापी जा सकती है…”ZERO POINT”---Just Start From Here….Need Not To Confuse….अंक-सूचि के प्रतिशत प्रति-वर्ष परिवर्तनीय होते है....परन्तु संस्कारों के प्रतिशत अंक-सूचि के मूल आधार होते है.... " ॐ ब्रह्म देवाय नम: "....ॐ सिद्ध आत्माय नम: , ॐ पूण्य आत्माय नम: , ॐ दिव्य आत्माय नम: , ॐ पवित्र आत्माय नम: , ॐ दयालु आत्माय नम: ....सम्पूर्ण ईश्वर....सम्पूर्ण आस्था....सहज निष्ठा....शाश्वत प्रार्थना....सहज अधिकार....साधारण मांग....We Demand....Whenever....Wherever....&....Forever.....यत्र, तत्र, सर्वत्र.....क्षमा, रक्षा, न्याय, व्यवस्था....उर्जा...कण-कण में....पल-पल में.....'सेर को सवा सेर' मिल ही जाते है परन्तु मन तो स्वतः 'सवा-मन' हो जाता है...शायद इसीलिए मन को काबू में रखा जाता है...यह सार्थक करने के लिए...."मन चंगा तो कठौती में गंगा"....सादर नमन....जय हो....हार्दिक स्वागत....जय-गुरुवर....प्रणाम...इस 'प्रण' के साथ कि 'प्रमाण' में 'प्राण' बसे...Just Because Of You...."अणु में अवशेष"....जय हो..."विनायक समाधान"...@...91654-18344....Just An idea.....To Feel Or Fill.....With Faith....Just For Prayer..... Just for Experience....INDORE / UJJAIN / DEWAS....














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