Sunday 25 October 2015

जय हो....जय हो.....जय हो......सादर नमन......सादर प्रणाम.....“श्री गणेशाय नम:”.....”जय श्री राम”....अगर कोई यह दावा-प्रस्तुति करे कि अमुक उपाय से अमुक समस्या का समाधान होता है या हो सकता है तो सहमति में 'मन का मत' या विचार मात्र घड़ी के समय अनुसार ही सम्भव है....ठीक पांच मिनट आगे या पीछे...Adjustment Of Time As Usual....जो कौतूहल का विषय हरगिज नहीं...Beyond Permissible Limit तो अतिशीघ्र जग-जाहिर....'अति सर्वत्र वर्जयते'....और अनेक समस्याओं का एक उपाय जग-जाहिर है..."प्रार्थना".....अति-असम्भव...स्वतः सम...सदैव समरस...साधारण सात्विक योग्यता सहर्ष स्वीकार....न हार का डर, न जीत का लालच.....घड़ी को आगे-पीछे करने की अपेक्षा घड़ी के सुचारू रूप से चलने की प्रार्थना....मात्र इस आशा के साथ कि समय-समय पर सबके कार्य समय पर सम्पन्न होते रहे...समय से पहले प्राप्त करने का लालच हरगिज नहीं....समय के साथ चलना सही ताल-मेल माना जाता है....सुना है कि वक्त-वक्त की बात, वक्त बता कर ही दम लेता है...और 'दाम' भी समय अनुसार निर्धारित हो सकते है...और बिना दाम की वस्तु 'अनमोल' कहलाती है....क्रय-विक्रय भला "प्रार्थना" में कैसे सम्भव है ?....और 'विनायक-प्रार्थना' तो सहज उत्सवो में अतिथि का निमंत्रण का रूप है...वायुमंडल में सहजता का समावेश....समय की अनुकूलता का आभास या अनुभव....'मन की बात’....मन ही जाने....कब ? क्यों ? कैसे ?.....मन में बसे राम ही जाने.....रोम-रोम में राम.... मन-मंदिर में राम...तन में राम, मन में राम, ह्रदय में राम....राम जी की सेना चली....और चतुरंगिणी सेना में ‘विनायक-सेना’....एक-मात्र उद्देश्य....सहज “विनायक-सेवा”....जय हो....सादर नमन.…..और अकसर अनेक विद्धवानों के श्रीमुख से 'किर्तन' के समय एक श्री कथन 'श्रवण' किया सकता है..जो अनिवार्य रूप से 'मनन' तथा 'चिन्तन' का विषय या स्वरूप या प्रतीक या सूचक हो सकता है..."कि"...'गणनाये' सिर्फ सत्य के निकट या निकटतम होती है....मात्र मित्र....प्रतियोगिता में सहभागी...प्रतिद्वन्दी कदापि नहीं...'सेर को सवा सेर' मिल ही जाते है परन्तु मन तो स्वतः 'सवा-मन' हो जाता है...शायद इसीलिए मन को काबू में रखा जाता है...यह सार्थक करने के लिए...."मन चंगा तो कठौती में गंगा"....सादर नमन....जय हो....हार्दिक स्वागत....जय-गुरुवर....प्रणाम...इस 'प्रण' के साथ कि 'प्रमाण' में 'प्राण' बसे...Just Because Of You...."अणु में अवशेष"....जय हो..."विनायक समाधान"...@...91654-18344....Just An idea.....To Feel Or Fill.....With Faith....Just For Prayer..... Just for Experience....INDORE / UJJAIN / DEWAS....








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