Sunday 18 October 2015

“ऊपर-वाले” या ‘रखवाला’ या “BOSS”.....धनवान का धन देख कर ईष्या होना सम्भव है.....विद्वान का ज्ञान देख कर प्रभावित हुआ जा सकता है....रूपवान का रूप देख कर विचारमग्न होना स्वाभाविक हो सकता है...गुणवान के गुण की चर्चा यत्र, तत्र, सर्वत्र होना सहज ही हो सकता है...परन्तु पुण्यात्मा का पुण्य देख कर उसका सम्मान करने की सहज इच्छा हो सकती है.....और पुण्य वही देख सकता है जो पाप भी देख सकता है या देखने की योग्यता या अधिकार या पात्रता रखता है....तब शायद इतनी उत्कृष्टता किसी “काल्पनिक-पात्र” में ही हो सकती है....क्योंकि कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं है...हम सभी अच्छाइयों तथा कमियो के ताने-बाने से बुन कर बनाये या तराशे हो सकते है...हो सकता है कि हम में अनेक कमजोरियां हो परन्तु अनेक क्षमताये भी हो सकती है, जिन्हें हम अभी तक पहचान ना सके...तब इन्ही क्षमताओं में से एक के आधार पर हम कल्पना करने की क्षमता रखते है...इसी कल्पना के आधार पर हम ईश्वर को अनेक नाम से जानते है, मानते है, पहचानते है.....और अनेक में एक सहज नाम है....सबके लिए....हमेशा के लिए...”ऊपर-वाला”....और अनेक लोग तो इसे “रखवाला” भी मानते है....हमेशा के लिए...और अक्सर गुनगुनाते है---“तेरी कृपा से मेरे सब कम हो रहे, बेवजह मेरे नाम हो रहे है”....और सर ऊपर उठा कर देखते है तो ऊपर मात्र वायुमंडल अर्थात आकाश अर्थात पञ्च-तत्व या रिक्त-स्थान....कुल मिला कर इस “उपर-वाले” को जानना है तो एक ही रास्ता....ऊपर जाने का रास्ता.....बिना ऊपर जाये भला ऊपर-वाले से मुलाकात कैसे संभव है ???...और यह बात यदि अध्यययन करते वक्त समझ से परे या बाहर जाती हो तो यह भी महसूस हो सकता है कि बात ऊपर से जा







रही है....तब ट्यूशन की आवश्यकता हो सकती है....सहज आमने-सामने...विषय समझ में आया तो ठीक वर्ना ट्यूटर बदलने की सहज सुविधा...और यह भी हो सकता कि स्वाध्याय या स्वयं अध्ययन करे....(SELF-STUDY)…..फुर्सत के क्षणों में शब्दों का आदान-प्रदान अर्थात चर्चा का योग, समय अनुसार.....उच्च, समकक्ष या मध्यम....शुद्ध रूप से....स्वयं का निर्णय हो सकता है...आमने-सामने...face to face...शब्दों का सम्मान...पूर्ण स्वतंत्रता के साथ....शब्दों को व्यक्त करने का अधिकार अवसर मिलने पर ही सार्थक होता है....समस्त अवसर, प्रश्नों पर आधारित हो सकते है और प्रश्न करने का अवसर होना चाहिए......सादर नमन्...जय हो..."विनायक-चर्चा" हेतु हार्दिक स्वागत....विनायक समाधान @ 91654-18344.....

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