Vinayak Samadhan
Where you search beyond your imagination
Tuesday, 20 October 2015
Vinayak Samadhan: …..जय हो..."चाय से ज्यादा केतली गरम"....सहज रूप से...
Vinayak Samadhan: …..जय हो..."चाय से ज्यादा केतली गरम"....सहज रूप से...
: …..जय हो..."चाय से ज्यादा केतली गरम"....सहज रूप से व्यंग हो सकता है, परन्तु बात गौर-तलब भी हो सकती है...हर पिता चाहता है कि पुत्...
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