Monday 19 October 2015



”अष्ठम-स्वरूप”.....जय हो....सादर नमन....प्रणाम......सहज पर्व उल्लास का, एकाग्रता का, शक्ति का, साधना का...एक पावन-निमंत्रण मात्र शक्ति की आराधना का....एक उत्सव शक्ति ग्रहण करने का... शंख और चन्द्र के समान अत्यंत श्वेत वर्ण धारी "माँ महागौरी" माँ दुर्गा का आठवां स्वरुप हैं......नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरा की पूजा की जाती है......यह शिव जी की अर्धांगिनी है....कठोर तपस्या के बाद देवी ने शिव जी को अपने पति के रुप में प्राप्त किया था.....देवी महागौरा के शरीर बहुत गोरा है....महागौरा के वस्त्र और अभुषण श्वेत होने के कारण उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है.....महागौरा की चार भुजाएं है जिनमें से उनके दो हाथों में डमरु और त्रिशुल है तथा अन्य दो हाथ अभय और वर मुद्रा में है....इनका वाहन गाय है...इनके महागौरा नाम पड़ने की कथा कुछ इस प्रकार है......भगवान शिव को पाने के लिए किये गए अपने कठोर तप के कारण माँ पार्वती का रंग काला और शरीर क्षीण हो गया था, तपस्या से प्रसन्न होकर जब भगवान शिव ने माँ पार्वती का शरीर गंगाजल से धोया तो वह विद्युत प्रभा के समान गौर हो गया....इसी कारण माँ को "महागौरी" के नाम से पूजते हैं....
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा॥...
..... सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनि।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
या देवि सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नमः।।
……..जय श्री माँ हरसिद्धि देवी हो सदा प्रसन्न!
……..ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !!
…….शुभ नवरात्रि महापर्व….माँ दुर्गा आपकी रक्षा करें…..आप सभी को नवरात्री की हार्दिक मंगलकामनाएँ……।। जय माता दी ।।....प्रत्येक चित्र, मित्र के रूप में....एक ‘निमंत्रण-पत्रिका’ या ‘VISITING CARD या ‘BANNER’ या ‘HOARDING’....जो भी हो....पर है....BECAUSE OF YOU…..हम इस दुनिया-दारी में गुम हो जाते है....तब गुम-शुदा की तलाश या गुमनाम.....तब कोई तो हो जो FIR अर्थात्....’रपट दर्ज करे’.....और गाँव की पुलिया पर लिखा है कि पानी ज्यादा होने पर “रपट पार करना मना है”....हार्दिक स्वागतम…..विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS)......






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