Saturday 17 October 2015

.....”षष्ठं-स्वरूप”.....जय हो....सादर नमन....प्रणाम......सहज पर्व उल्लास का, एकाग्रता का, शक्ति का, साधना का...एक पावन-निमंत्रण मात्र शक्ति की आराधना का....एक उत्सव शक्ति ग्रहण करने का...
कात्यायनी देवी दुर्गा जी का छठा अवतार हैं.....शास्त्रों के अनुसार देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया, इस कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ गया.....नवरात्र के छठे दिन कात्यायनी देवी की पूरे श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है.....दिव्य रुपा कात्यायनी देवी का शरीर सोने के समाना चमकीला है....चार भुजा धारी माँ कात्यायनी सिंह पर सवार हैं......अपने एक हाथ में तलवार और दूसरे में अपना प्रिय पुष्प कमल लिये हुए हैं......अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं.....इनका वाहन सिंह हैं.....देवी कात्यायनी के नाम और जन्म से जुड़ी एक कथा प्रसिद्ध है.......एक कथा के अनुसार एक वन में कत नाम के एक महर्षि थे उनका एक पुत्र था जिसका नाम कात्य रखा गया......इसके पश्चात कात्य गोत्र में महर्षि कात्यायन ने जन्म लिया.....उनकी कोई संतान नहीं थी। मां भगवती को पुत्री के रूप में पाने की इच्छा रखते हुए उन्होंने पराम्बा की कठोर तपस्या की......महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें पुत्री का वरदान दिया.......कुछ समय बीतने के बाद राक्षस महिषासुर का अत्याचार अत्यधिक बढ़ गया.......तब त्रिदेवों के तेज से एक कन्या ने जन्म लिया और उसका वध कर दिया.......कात्य गोत्र में जन्म लेने के कारण देवी का नाम कात्यायनी पड़ गया.......सरलता से अपने भक्तों की इच्छा पूरी करने वाली माँ कात्यायनी का उपासना मंत्र है....
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना|
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि||.....
..... सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।








शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनि।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
या देवि सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नमः।।
……..जय श्री माँ हरसिद्धि देवी हो सदा प्रसन्न!
……..ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !!
…….शुभ नवरात्रि महापर्व….माँ दुर्गा आपकी रक्षा करें…..आप सभी को नवरात्री की हार्दिक मंगलकामनाएँ……।। जय माता दी ।।…....प्रत्येक चित्र, मित्र के रूप में....एक ‘निमंत्रण-पत्रिका’ या ‘VISITING CARD’ या ‘BANNER’ या ‘HOARDING’....जो भी हो....पर है....BECAUSE OF YOU…..हम इस दुनिया-दारी में गुम हो जाते है....तब गुम-शुदा की तलाश या गुमनाम.....तब कोई तो हो जो FIR अर्थात्....’रपट दर्ज करे’.....और गाँव की पुलिया पर लिखा है कि पानी ज्यादा होने पर “रपट पार करना मना है”....हार्दिक स्वागतम…..”विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS)...

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