...पंचम-स्वरूप”.....जय हो....सादर
नमन....प्रणाम......सहज पर्व उल्लास का, एकाग्रता का, शक्ति का, साधना का...एक
पावन-निमंत्रण मात्र शक्ति की आराधना का....एक उत्सव शक्ति ग्रहण करने का...दुर्गा जी का पांचवां अवतार- स्कंदमाता.....नवरात्र के पांचवे दिन माँ दुर्गा के पांचवे
स्वरुप भगवान स्कन्द की माता अर्थात "माँ
स्कंदमाता" की उपासना की जाती है.....कुमार कार्तिकेय को ही "भगवान स्कन्द" के नाम से जाना जाता है.....स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता ने
अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ
है.....उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं तथा एक हाथ से उन्होंने गोद
में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ
है......इनका वाहन सिंह है.....कार्तिकेय को
देवताओं का सेनापति मना जाता है तथा माता को अपने पुत्र स्कंद से अत्यधिक प्रेम है। जब धरती पर राक्षसों
का अत्याचार बढ़ता है माता अपने भक्तों
की रक्षा करने के लिए सिंह पर सवार होकर दुष्टों का नाश करती हैं.....स्कंदमाता को
अपना नाम अपने पुत्र के साथ जोड़ना बहुत अच्छा लगता है। इसलिए इन्हें स्नेह और
ममता की देवी माना जाता है.......माँ स्कंदमाता का वाहन सिंह है.....इस मंत्र के
उच्चारण के साथ माँ की आराधना की जाती है..
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
या
देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमो नम:।।
सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली
कृपालिनि।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
या देवि सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नमः।।
……..जय श्री माँ हरसिद्धि देवी हो सदा प्रसन्न!
……..ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !!
…….शुभ नवरात्रि महापर्व….माँ दुर्गा आपकी रक्षा करें…..आप सभी को नवरात्री की हार्दिक मंगलकामनाएँ……।। जय माता दी ।।…....प्रत्येक चित्र, मित्र के रूप में....एक ‘निमंत्रण-पत्रिका’ या ‘VISITING CARD’ या ‘BANNER’ या ‘HOARDING’....जो भी हो....पर है....BECAUSE OF YOU…..हम इस दुनिया-दारी में गुम हो जाते है....तब गुम-शुदा की तलाश या गुमनाम.....तब कोई तो हो जो FIR अर्थात्....’रपट दर्ज करे’.....और गाँव की पुलिया पर लिखा है कि पानी ज्यादा होने पर “रपट पार करना मना है”....हार्दिक स्वागतम…..”विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS).....
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