Sunday 11 October 2015

 ..आसमान में पक्षी तथा वायुयान दोनों की दक्षता होती है, मगर समुद्र की गहराई तो गोताखोर ही मापने की हिम्मत कर सकता है...



तच्चक्षुर्देवहितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्।
पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं
श्रृणुयाम शरद: शतं प्र ब्रवाम शरद: शतम
दीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात्।…….
.......जय हो...सादर नमन...जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये....सादर वन्दन...आनन्द रहे सदैव...विनायक समाधान @ 91654-18344...इंदौर/उज्जैन/देवास

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