Tuesday 29 September 2015

जय हो...यदि आप उन्नति करते है या करने की कोशिश करते है तो आपके समकक्ष लोग आपके वायुमंडल अर्थात सक्रियता, सफलता एवम सुफलता के बारे में सबसे ज्यादा टिप्पणीं करते है....यदि टिपण्णी अनुकूल हुई तो वायुमंडल में आकर्षण प्रतीत हो कर प्रोत्साहन की अनुभूति होती है तथा टिपण्णी प्रतिकूल होती है तो वायुमंडल में घर्षण महसूस हो सकता है....यही घर्षण आवेश उत्पन्न करता है....यही आवेश प्रगति में अवरोध उत्पन्न कर सकता है…परन्तु आवेश वायुमंडल में सक्रियता का माध्यम हो सकता है....आवेश विशेष स्थिति को नियंत्रण करने का श्रेष्ठ माध्यम हो सकता है....तनाव पूर्ण नियंत्रण कदापि नहीं .....उपरोक्त चर्चा में समस्त शब्द साधारण, सहज एवम शाश्वत सत्य है परन्तु निश्चिन्त रूप से गणना के दायरे में आते है....गणना अर्थात आपके वायुमंडल में सक्रियता, सफलता एवम सुफलता का प्रतिशत.....%......अर्थात दक्षता... अर्थात प्रयास के पश्चात् परिणाम हासिल करने की योग्यता हेतु माप-दण्ड....उच्च, समकछ या मध्यम... इस प्रयास हेतु वायुमंडल में सकारत्मक शक्ति के प्रति आकर्षण अतिआवश्यक है.... इस दिशा में वायुमंडल की सकारात्मक उर्जा को सकारात्मक शक्ति में परिवर्तित करना ही सर्वोत्तम प्रयास हो सकता है..... आप सभी आमंत्रित है...हार्दिक स्वागत...पूर्व निर्धारित समय हमेशा की तरह सुविधा सिध्द होती रहेगी....विनायक सामाधान @ 91654-18344..




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