Tuesday 29 September 2015

यदि आप विनायक समाधान (इंदौर/उज्जैन) पधारते है या पधार चुके है तो ज्ञात होता है कि कुछ शब्द चर्चा के दौरान अक्सर आते है...उदाहरण....राज्यपक्ष,जड़त्व,युग्म,नाद,पन्चभोजन,श्रवण,कीर्तन,चिन्तन,मनन,वायुमंडल,कालखण्ड,पंचतत्व,परकोटा,प्रवाह,स्थिरता, प्रहर,आहार,विहार,भ्रमण,ज्ञानेन्द्रिया,गुरु,आकर्षण,मौन,त्याग,दर्शन,सहज.सफल,सुफल, प्रार्थना.स्त्रोत,मध्य केन्द्र,उर्जा, शक्ति, वनस्पति,आसन,आश्रम,ध्यान,रेखाए,ईशान कोण, इत्यादि..... चर्चा में सहजता का सम्मान करने हेतु विशुध्द प्राकृतिक विषयों का समावेश अति आवश्यक है.... यही जीवन के सहज उपलब्ध वास्तविक सत्य एवम महत्वपूर्ण विषय है....स्पष्ट उद्देश्य है.... आप अपने बहुत सारे कामों को अच्छे से पूरा करना चाहते है.....समान विचार वाले मित्रों को खोजना चाहते है.... और मजेदार तथा निष्पक्ष पहलू यह है कि यह सम्पुर्ण कार्य आपको ही करना है.....चमत्कार से कोई लेना देना नही.... जन्म पत्रिका नही......हस्त रेखाए नही....सम्पूर्ण चर्चा मे यह अवश्य ध्यान रहें कि आप किसी अत्यंत विद्वान के सम्मुख ना होकर एक शुभचिंतक मित्र से चर्चारत है... सामान्य प्रक्रिया....कोरे कागज पर सिर्फ़ तीन रेखाए खीचींए.....रेखाए यत्र तत्र सर्वत्र सहज उपलब्ध वास्तविक सत्य है....यह एक बहुत सहज एवम सूक्ष्म वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो आपको विराट आनन्द का अनुभव करा सकती है....... कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है....और आखिरी चाबी प्रार्थना भी हो सकती है..... एक ही प्रार्थना..."सर्वे भवन्तु सुखिनः" एवम् एक ही आधार "गुरू कृपा हिं केवलमं"..... हार्दिक स्वागत.... विनायक सामाधान @ 91654-18344.... इंदौर / उज्जैन



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