Wednesday 2 November 2016

शानदार और सरल में अंतर क्या ?....फाइव-स्टार और राम-निवास भोजनालय....या फिर भोले का चाय का ठेला...सिर्फ अपने एरिया में.....खुद का वजूद कायम करने के लिये....गुंडा-गर्दी मे जान से मारने की धमकी दी जाती है....यह जानते हुये कि दफा 302 की सजा मुकर्रर...और यह भी भली-भांति जानकारी चौकस कि यह सजा सैनिक को माफ़....बस एक शर्त कि अपने क्षेत्र मे, अपनी सुरक्षा के लिये....confidence यदि over हो जाये तो पार्टनर भी इकलौता मालिक बनने की राह पकड़ लेता है...और उसके जेहन से मित्रता का पहलु गायब हो जाता है...तब आदमी के पास गायब होने की शक्ति आ जावे और इस पावर से वह क्या करना चाहेगा ?...इस बात को अगर लिखित में ले लिया जावे तो मनुष्य की बुद्धि का आकलन हास्यास्पद हो सकता है...लीगल तौर पर एक भी काम ऐसा सिद्ध नही होता है कि जिसको अप्रत्यक्ष करने की आवश्यकता हो...संपूर्ण विश्व मे.....पुराण, शास्त्र, उपनिषद, ग्रन्थ....इसलिये महान और पवित्र माने जा सकते है कि उनमे अच्छी बातें लिखी है....आदमी भी वही होता है जिसकी बाते अच्छी होती है.....और अच्छा आचरण प्राप्त करने के लिये आदमी को अच्छा साहित्य पढ़ना पड़ता है... किसी चीज को वहाँ ढूँढना, जहाँ वह नही है....यह मन की अज्ञानता हो सकती है....खुद के गायब होने की ताकत से भी चीज नही मिलेगी...और किसी बात को वहाँ बोलना, जहाँ वह आवश्यक नही....इस बात मे मन साक्षात् गवाह होता है...जैसे सामुन्द्रिक विज्ञान मे ज्ञानेन्द्रियों की गवाही होती है...महत्वकांक्षि लोगो की आवश्यकता की पूर्ति के लिये ज्योतिष शास्त्र का आविष्कार किया....स्वच्छता किसकी जवाबदारी है ?...जो गंदगी करे उसकी जवाबदारी....और मदद मिले तो हर किसी की....और यदि प्रोत्साहन मिले तो प्रत्येक की....नीम का तैल सर्वश्रेष्ठ रोग-प्रतिरोधक....कितने लोग इस्तेमाल करते है ?....जैसे तुलसी के पत्ते....हर वनस्पति औषधि का काम करती है....ये हमसे बात करे या ना करे...हम कोशिश जरूर करते है....अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं, वे पुस्तकों और विश्वविद्यालयों मे नहीं मिलते….
..आशा करते है कि आपके समस्त कार्य सुचारू रूप से संचालित होते रहे....फुर्सत के क्षणों में शब्दों का आदान-प्रदान अर्थात चर्चा का योग, समय अनुसार.....उच्च, समकक्ष या मध्यम....शुद्ध रूप से....स्वयं का निर्णय हो सकता है...आमने-सामने...face to face...शब्दों का सम्मान...पूर्ण स्वतंत्रता के साथ...आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...you may search into Google....just say "vinayak samadhan".....बातों-बातों में....खेल-खेल मे....चलते-फिरते....सादर नमन्...जय हो..."विनायक-चर्चा" हेतु हार्दिक स्वागत....विनायक समाधान @ 91654-18344...INDORE/UJJAIN/DEWAS..

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