Saturday 19 November 2016

NEED TO KNOW....जमाने के साथ....कोडिंग-डिकोडिंग....या फिर मॉड्यूलेशन....हवा के समान....चलता-फिरता काम....हिंदी मे बेताल....अंग्रेजी मे फैंटम....कंप्यूटर मे स्पाइडर मेन....पूर्णतः काल्पनिक....सामुन्द्रिक-विज्ञान....लेकिन मस्तिष्क की वास्तविकता को असत्य मानना संभव नहीं...इंसान ने कल्पना को हकीकत मे बदलने के लिये भगवान की कल्पना करी...और प्रार्थना को वास्तविकता के दायरे मे खड़ा कर दिया...और तब हठ-योग स्वतः वर्जित हो जाता है....यह प्रक्रिया किसी भी साधना का अभिन्न अंग है...हरी करे सो खरी...हरी कथा अनंता....हरी रूठे, गुरु ठौर है, गुरु रूठे नही ठौर....ठेठ से ठेठ तक....गुरु कृपा अनंता...दुनिया के तमाम तंत्र....सृष्टि के समस्त यंत्र....सबका सार सिर्फ एक मन्त्र....सर्वे भवन्तु सुखिनः...भले ही मनुष्य ने भगवान की खोज करी...परिकल्पना के रूप मे....मगर यह समय की ब्रह्मवाणी है....सावधान ईश्वर सर्वोपरि है....आखिर हरी करे सो खरी...समय के साथ-साथ प्रतिभाओं की परिकल्पना प्रस्तुत हो कर रहती है....गुरु कृपा ही केवलम....ऊर्जा का उदगम....ठीक जैसे प्रकृति अपना स्वरूप प्रस्तुत करके रहती है...पूर्णतः स्वचालित प्रक्रिया....बुजुर्ग अपने अनुभव से सही फरमाते है...हर तीसरी पीढ़ी मे परिवर्तन...और पेढ़ी एक से दो भली....धर्म के अनुसार बरकत हमेशा भली....पेढ़ी आधी होने की बात नही...ठीक जैसे दुर्घटना से देरी भली....और चमत्कार यही कि दुर्घटना टली....जैसे ताकतवर के लिये दया भली....यही तो शाकाहार का चमत्कार है कि एक से भले दो...या फिर मिल-बाँट कर खाओ और वैकुंठ में जाओ...अपनों के साथ वक्त का पता नही लगता किन्तु वक्त के साथ अपनो का पता लग जाता है....प्रगाढ़ सम्बन्धो की परिभाषा किस प्रकार प्रदर्शित हो ?.....स्वार्थ का प्रतिशत किस प्रकार तय हो ?....लेन-देन मे शुद्धता कैसे कायम हो ?.....समझदार को इशारा काफी....जैसे सब से उत्तम माफ़ी... बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।। ...खुद की गलती स्वीकार करने का मतलब माफ़ी भी मांगना पड़ेगी....और आम आदमी यह स्वीकार करने मे हमेशा हिचकिचाता है...जो जौहर दिखायेगा वही बाज़ी जीतेगा.....धारयताम पक्षबलेन...अर्थात HOLD WITH THE STRENGTH OF WINGS...हवा मे टिकने की कला पक्षी बचपन से ही सीख लेता है....और आदमी हवा मे उड़ने की कोशिश करता है...पक्षी के समकक्ष, परन्तु परिंदा अन्ततः....एक कदम आगे...या कहे कि outstanding....गीता में श्री कृष्ण कहते हैं..…सभी प्रकाशीय वस्तुओं में प्रकाश उत्पन्न करनें की ऊर्जा , मैं हूँ...और प्रार्थना करने पर सन्देश मिलता कि DON’T WORRY…..”मै हूँ ना”.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव....आपकी कृपा से सबका सब काम हो रहा है और होता रहे..... हार्दिक स्वागत......”#विनायक-समाधान#” @ #09165418344#... #INDORE#/#UJJAIN#/#DEWAS#...जय हो...सादर नमन...#Regards#.

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