P.T.O...कृपया पन्ना पलटिये....अर्थात पिछे मुड़, तेज चल....और फिर यही
कि....मुड़-मुड़ कर ना देख...जिंदगानी के सफर मे कोई भी अकेला नही...किसी न
किसी का साथ तो चाहिये....और कोई साथ हो न हो....परिवर्तन हमेशा
साथ-साथ....बदले की भावना नही किन्तु बदलाव एक नही अनेक बाते सीखा देता
है...मन की बात सब सुनते है...पर मन मारने वाली बात स्वयं के अनुभव मे
स्वयं-सिद्ध है....हम कितने मितव्ययी हो सकते है ?...इसका जवाब वर्तमान की
मुद्रा परिस्तिथि से सबको मिल सकता है....तब ये दुनिया, ये महफ़िल मेरे काम
की नही....हर मुद्रा राष्ट्र की सम्पत्ति है...और धारक सिर्फ एक माध्यम भर
है....सब कुछ सुनियोजित और समयानुसार हो रहा है...जिनको कहना-सुनना है,
उनके पास चंद दिनो का समय है....पूर्ण आजादी है....करना था, सो कर
दिया....और इसके उत्तम प्रभाव आना शुरू हो चुके है....अप्रत्यक्ष शत्रुओं
को परास्त करने के लिये खोजने की जहमत नही....और अचानक वार से दुश्मन खीजने
के अलावा कुछ और नही कर सकता...ऐतिहासिक काम खामियों से भरे तो भी
कीर्तिमान के लिये जाने जाते है...सरल चमत्कार यही है कि जीने की कला से
दिव्यता आती है...और इसी दिव्यता से पत्थर की मूर्ति से शब्दों से
आदान-प्रदान होता है...विवादों की बात नही किन्तु सभी विद्ववानों का
न्याय-क्षेत्र सिर्फ प्रार्थना-स्थल हो होता है...जीवन सचमुच मूल्यवान
है....और मनुष्य की निगाह मे मूल्यवान कुछ और....धन, सम्मान, सत्कार,
अधिकार, प्रभुत्व... मार्ग मे कष्ट....और समाधान के रूप मे...गीता को
पवित्र आचरण द्वारा सुगीता बनाया जाये....जीवन के प्रश्नों का उत्तर
प्राप्त करने के लिये यही एक-मात्र रास्ता है...तब कोई और शास्त्र अनिवार्य
नही है...समस्त शास्त्रों की स्वामिनी....श्रुतियों की महारानी....वेद
मंत्रों का शक्ति-पुँज....मात्र आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को
खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...you may search into
Google....just say "vinayak samadhan".....बातों-बातों में....खेल-खेल
मे....चलते-फिरते.....धारयताम पक्षबलेन...अर्थात HOLD WITH THE STRENGTH OF
WINGS...हवा मे टिकने की कला पक्षी बचपन से ही सीख लेता है....और आदमी हवा
मे उड़ने की कोशिश करता है...पक्षी के समकक्ष, परन्तु परिंदा अन्ततः....एक
कदम आगे...या कहे कि outstanding....गीता में श्री कृष्ण कहते हैं..…सभी
प्रकाशीय वस्तुओं में प्रकाश उत्पन्न करनें की ऊर्जा , मैं हूँ...और
प्रार्थना करने पर सन्देश मिलता कि DON’T WORRY…..”मै हूँ
ना”.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का
आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव....आपकी कृपा से सबका सब काम हो रहा है और
होता रहे..... हार्दिक स्वागत......”#विनायक-समाधान#” @ #09165418344#... #INDORE#/#UJJAIN#/#DEWAS#...जय हो...सादर नमन...#Regards#.
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