Wednesday 2 November 2016

आदमी के पास गायब होने की शक्ति आ जावे और इस पावर से वह क्या करना चाहेगा ?...इस बात को अगर लिखित में ले लिया जावे तो मनुष्य की बुद्धि का आकलन हास्यास्पद हो सकता है...लीगल तौर पर एक भी काम ऐसा सिद्ध नही होता है कि जिसको अप्रत्यक्ष करने की आवश्यकता हो...संपूर्ण विश्व मे.....पुराण, शास्त्र, उपनिषद, ग्रन्थ....इसलिये महान और पवित्र माने जा सकते है कि उनमे अच्छी बातें लिखी है....आदमी भी वही होता है जिसकी बाते अच्छी होती है.....और अच्छा आचरण प्राप्त करने के लिये आदमी को अच्छा साहित्य पढ़ना पड़ता है... किसी चीज को वहाँ ढूँढना, जहाँ वह नही है....यह मन की अज्ञानता हो सकती है....खुद के गायब होने की ताकत से भी चीज नही मिलेगी...और किसी बात को वहाँ बोलना, जहाँ वह आवश्यक नही....इस बात मे मन साक्षात् गवाह होता है...जैसे सामुन्द्रिक विज्ञान मे ज्ञानेन्द्रियों की गवाही होती है...महत्वकांक्षि लोगो की आवश्यकता की पूर्ति के लिये ज्योतिष शास्त्र का आविष्कार किया....स्वच्छता किसकी जवाबदारी है ?...जो गंदगी करे उसकी जवाबदारी....और मदद मिले तो हर किसी की....और यदि प्रोत्साहन मिले तो प्रत्येक की...

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