Wednesday 2 November 2016

उत्तराखंड-प्रवास मे विभिन्न साधकों से उलूक-साधना के बारे मे चर्चा हुई...तब सात्विक साधना कहे....गौ-लोचन की सिद्धि सर्व-श्रेष्ठ....जो परिश्रम और हठ-योग मे अंतर अंकित करे....रेखांकन द्वारा सीमांकन.....जैसे परिश्रम के बिंदु से भाग्य की रेखा बनती है...जैसे चाइनीज़-चेकर खेल या भारत का खेल अंग-भंग-चौक-चंग.....जैसे बूँद-बूँद घड़ा भर जाय...जैसे करत-करत अभ्यास...गुणमति होत सुजान....जैसे हर मस्जिद मे अजान....जैसे योग ना करो तो शरीर बेजान....जैसे तबला सही होने के बाद भी आवाज़ फट जाती है....सिक्कों की चिल्लर जेब में ज्यादा हो जाये तो जेब फटने का डर....शायद इसीलिए नोट का आविष्कार हुआ है....रूपये-पैसे की बात नही....दुनिया मे हर काम की फीस तय हो सकती है पर माला फेरने का शुल्क कितना होगा ?....इसका जवाब सचमुच मालूम नही....लेकिन ध्यान-मग्न होने के लिये....यह अच्छी आदत हो सकती है....तब यह ध्यान रख कर कि माला के हर मोती मे एक नाम....राम...प्रभु का नाम...ढाई अक्षर की बात नही....और प्रभु-प्रेम का कोई विकल्प नही....ज्योतिष-शास्त्र में...अधिकांश तथ्य सुने-सुनाये...या फिर अनिश्चताओं का दौर....तब NEW ONE क्या हो ?....बात उपाय पर आती है तो सात्विक पहलु सदैव आयुर्वेद समान..use & throwing हरगिज नही...संस्कार-स्वरूप....हानि की संभावनाये नगण्य....यह सनातन संस्कृति है कि गोवर्धन-पूजा पर पशु-धन की पूजा होती है....किसी भी महोत्सव में प्रवेश के साथ पार्किंग की सुविधा....तत्पश्चात प्रतिबन्ध, अनुरोध के साथ....अनुपालन के रूप मे....दिवाली कहती है....SO POWERFUL IS THE LIGHT OF UNITY THAT IT CAN ILLUMINATE THE WHOLE EARTH.....सारा जग, जगमगाए....तब हर एक के लिये एक संदेश...कोई संदेह नही...बेशक...one has to learn, to look into present consciousness....जाग्रत अवस्था सदाबहार....तब Excellence is not a skill... it is an attitude....और चाय की दूकान पर अख़बार मे लिखा था....A friend is one of the nicest things we may have.... and one of the best things we may be....और बुजुर्ग कहते आए है...समझदार को इशारा काफी....जैसे सब से उत्तम माफ़ी....समय अपना-अपना....और आदान-प्रदान हो जाए....तो सहज आमने-सामने.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव.....हार्दिक स्वागतम…..”विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS)…

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