.#सीताराम#....शाश्वत #सत्य#......कंधे का झुकना आसान है क्योंकि फल
लगने के बाद पेड़ का झुकना लाज़मी है......तो क्या #कमान# के समान तनना
उससे भी आसान है ?....और पेड़ का सबसे मजबूत अंग #तना# होता
है.......#सीना# तान कर चलना गर्व की बात है....और सर कटा सकते है
परन्तु सर झुकेगा नहीं.....और जोश और उमंग के लिये....एक उत्तम
नाद.....#फलस्वरूप#.....जय श्री राम.......कुछ पाने के लिए कुछ खोना
पड़ता है......वैराग्य का अपना महत्व है....पर किसी #ऋषि-मुनि# की जटा या
केश को आधार मान कर यह मान सकते है कि
कुछ पाने के लिए कुछ धारण करना पडता है....और जटाओं का जिनका स्त्रोत मात्र
#रोम-छिद्र#.....मात्र स्थान परिवर्तन से....सम्पूर्ण नामकरण....और
रोम-रोम में #राम#.....#राम#
से बड़ा #राम# का नाम....#राम# की चिड़िया #राम# का खेत.....#राम-राम# का
जवाब #राम-राम# ही संभव है...और #राम-राम# का रहस्य.....बड़ा ही गूढ़....जैसे
पुराना गुड.....और प्रसन्न रहने के लिए सही होना चाहिए #MOOD#.....प्राचीन काल से....long ago.....forever #LOGO#....आमने-सामने...#राम-राम#
सा.....दो बार “राम राम" बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य....हिन्दी की
शब्दावली में.....‘र' २७(27th) वां शब्द है....‘आ’ की मात्रा २
दूसरा(2nd).....‘म' २५ वां(25th) शब्द है.....अब तीनो अंको का योग करें तो
(२७+२+२५=५४) अर्थात एक “राम” का योग ५४ हुआ…..इसी प्रकार दो “राम-राम” का
कुल योग १०८ होगा....और १०८ बार जाप करना हमारे धर्म, संस्कृति और पुराणों
मे पवित्र कहा गया है....अत: “राम-राम” के उच्चारण द्वारा हमें १०८ मनके की
माला जपनें जैसा पुण्य प्राप्त होता है..अंक
नौ(9-NINE)...सिद्ध-पूर्णांक....अक्षय अर्थात विनायक-अंक माना जाता
है....(54=5+4=9)....(108=1+0+8=9)...(1008=1+0+0+8=9).....साधारण
तथ्य--''जो #उर्जा# को जागृत करे"....यही है 'विनायक-योग'.....’आमने-सामने’ एक दुसरे को “राम-राम” कहने के लिए....उत्तम 'वैदिक-योग'...
No comments:
Post a Comment