Saturday 5 November 2016

बुजुर्गो के अनुसार घर तीन प्रकार के माने जा सकते है...शब्दों के इस्तेमाल से घर का वर्गीकरण....तब कोई गरीबी की रेखा नही....कोई राशन-कार्ड नही....बस एक ही नियम..तृप्ति का अहसास...खुद के साथ-साथ अतिथि भी शामिल...और सबसे उत्तम 'ठावा-घर'...बुजुर्गो का भरपूर आशीर्वाद...ठेठ से ठेठ तक कोई तकलीफ नही...हर माता-पिता अपनी कन्या का सम्बन्ध इसी घर में करना चाहे...दूसरा होता है 'धापा-घर'...जहाँ से हर कोई लड़की लाना चाहे...जहाँ अतिथि का सम्मान यथोचित हो...भोजन मे स्वाद की सम्पन्नता हो...जहाँ की कन्यायें चट रोटी, पट दाल की कला में सिद्धहस्त हो...और तीसरा होता है 'भूखा-घर'...जहाँ खुद रुखा-सूखा खाने की परम्परा अर्थात भोजन मे लापरवाही हो...व्यवहार मे रुखापन झलकता हो....रिश्तों मे तरलता ना हो...कहते है मेहमान मे रेहमान का रूप होता है...और जिस घर मे रेहमान तृप्त ना हो तो वह 'सूखा-घर'....जहाँ किसी भी प्रकार के सम्बन्ध के लिए लम्बा इंतज़ार करना पड़ सकता है...मेहमान दो दिन रह कर अपने-अपने घर चले जाते है...वक्त के साथ-साथ हम भी भूल जाते है...मगर यही मेहमान आने वाले दो साल तक आँखों-देखी की चर्चा करते रहते है...हम अपने घर के कोने देखे ना देखे मगर इस मामले मे मेहमान चतुर सिद्ध होते है...आखिर हर एक को मेहमान बनने का मौका मिलता रहता है...धन के स्त्रोत की बात नही किन्तु स्नेह का स्त्रोत कभी नही सुखना चाहिये...कुएँ की आव (पानी की धारा) बंद होने पर उसे पत्थरों से पाट दिया जाता है....जो वक्त पर साथ दे, वही अपना बाकि तो सब सपना...और अपने लोग साथ देने मे ना दिन देखते है, ना रात...खोया-पाया केंद्र में सम्मान की घोषणा समय-समय पर होती रहती है....बस थोड़ा धैर्य धारण करना पड़ता है...किसी भी व्यवसाय मे बच्चों को सिखाया जाता है...मंदी मे बुद्धि मंद ना हो जाये....रोजमर्रा की जिंदगी मे आध्यात्म के दर्शन होते रहे तो जीवन सदाबहार सिद्ध होता रहता है...अर्थात रस की बौछार...पुस्तकों मे...पांडाल मे....मंदिर मे...घर मे...दूकान मे...उमंग यत्र-तत्र-सर्वत्र...बस सरकार से जरा सी मेहनत की दरकार है....vinayaksamadhan.blogspot.in मे लगभग चार सौ इसी प्रकार की चर्चाएँ...कोई प्रवचन नही...सिर्फ मिलने-जुलने से उत्पन्न अनुभव की झलक....you may search into Google....just say "vinayak samadhan".....बातों-बातों में....खेल-खेल मे....चलते-फिरते....सादर नमन्...जय हो..."विनायक-चर्चा" हेतु हार्दिक स्वागत....विनायक समाधान @ 91654-18344...INDORE/UJJAIN/DEWAS..

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