Friday 4 November 2016

'कायदे की बात तथा फायदे की बात' यह कि यदि प्रभु-प्रेम को आदेश मे लिया जाये तो जी-हुजूरी से हमेशा के लिये मुक्ति पक्की....तब कहने वाले हम और सुनने वाला एक....खुद-खुदा....वह सिवाय सुनने के अलावा कोई काम नही करता....वह भी खुली आँखों से.. ईश्वर के पास समय ही समय...किसी भी मूर्ति की आँखे बंद नहीं....भला मूर्तियाँ अपनी आँखे बंद क्यों और कैसे करे ?....तब सिर्फ आँखों-देखी....तब प्रभु-प्रेम मन की आँखों से भी सम्भव है...भगवान को इंसान ने हमेशा सुरक्षा-कवच माना है....चाहे ताबीज हो या मंगल-सूत्र....इबादत मे आयत तो जरुरी है....और धर्म मे भगवान् की मान्यता कुल-देवता से शुरू होती है....ईष्ट-देव के रूप मे....शेंदुर लाल चढायो, अच्छा गज-मुख को....सुख मे सुमिरन ना किया....दु:ख में करते याद.....तब हैरान, परेशान दास की....कौन सुने फरियाद....और सुनने वाला....दाता....सब नी राखा थाह....जिसके दामन मे करुणा अथाह....सच्चे बादशाह की मोहब्बत बेपनाह....आखिर वही है बड़े जिगरे वाला...आजीवन, ताउम्र, हमेशा के लिये....जैसे पंच-तत्व....सामान्य आदमी कहे...हवा, पानी, प्रकाश.....जैसे कलमकार के शब्द....जैसे योद्धा का शौर्य....जैसे संगीत के सात सुर....जैसे रक्त का रंग....धर्म की माने तो आत्मा....और आध्यात्म की माने तो परमात्मा...तमसो मा ज्योतिर्मय......मनुष्य अजर-अमर नहीं है...आत्मा और ज्ञान अजर-अमर है.....और इनकी यात्रा कभी नहीं थमती है....जैसे समय....ना थमता है....ना थकता है....जो कुछ भी है, जिसे हम ईश्वर के नाम से जानते है....वह प्रकाश का ही रूपांतरण है....गीता में श्री कृष्ण कहते हैं..…सभी प्रकाशीय वस्तुओं में प्रकाश उत्पन्न करनें की ऊर्जा , मैं हूँ...और प्रार्थना करने पर सन्देश मिलता कि DON’T WORRY…..”मै हूँ ना”.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव....आपकी कृपा से सबका सब काम हो रहा है और होता रहे..... हार्दिक स्वागत......”#विनायक-समाधान#” @ #09165418344#... #INDORE#/#UJJAIN#/#DEWAS#...जय हो...सादर नमन...#Regards#..

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